ज़िन्दगी ,बच्चे के पीछेे लदे बैग के बोझ सी है तुमने ,मैंने जो साझा किए उन रिश्तों सी है यूँ तो तुम भी निभा ही रही होगी किसी से जैसे मैं निभा रहा हूं चन्द अक्षरों से । जिन्दगी ,उस सीप सी है जो बादल से एक बूँद माँगती है तेरा मेरा साथ उस ट्रैन सा है जो स्टेशन पर हरी झंडी माँगती है बिना कोई वादों क़समों के ना जाने मैं क्यूँ तुमसे बंध सा गया और देखो ना तुम भी बँधी हो बिना गिले शिकवों के लेकिन , किसी ओर से । ज़िन्दगी ,तू रफ़्तार सी दौड़ी है कभी सहमी थोड़ी है कभी दोस्ती कभी इश्क़ कभी दुश्मनी बनके मचली है दिलों में ख्वाइशें उसी की देकर के क्यूं सोई है आंखों में आँसू उसी के देकर फिर क्यूँ रोई है । जिन्दगी ,तेरे मेहमां हम हों भी जाये आंसू नमक के संग भी पी जाये दास्तां मे मशहूर माशूक़ को कर भी जाये फिर भी ये रिश्तों का बोझा कम ना कर पाए । #yqbaba#yqdidi#lifeandlove#friendandlove