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जाड़े की धूप को तरसता रहा वो बारिशों से रंज जो कर

जाड़े की धूप को तरसता रहा वो 
बारिशों से रंज जो कर बैठा था 
सिसकता रहा रात भर फिर 
शफ़क़ को अपना रंग जो कर बैठा था  #रंज #शफ़क #राज़
जाड़े की धूप को तरसता रहा वो 
बारिशों से रंज जो कर बैठा था 
सिसकता रहा रात भर फिर 
शफ़क़ को अपना रंग जो कर बैठा था  #रंज #शफ़क #राज़