मेरे रंगों की होली भी तुम हो.. मेरे होली की रंग में भी तुम.. मेरे चाहत का रंग भी तुम हो.. मेरे ख़ुशी की खिलकारी भी तुम.. मेरे हसीं की रंग भी तुम हो.. मेरे सुकून का सांसे भी तुम.. मेरे मस्ती की रंग भी तुम हो.. उस मस्ती की वजह भी तुम.. मेरे हर रंग में.. तुम हो मेरे रूह रंग.. मेरे हर बातों में और हर वादों में भी तुम.. सिर्फ तुम ही तुम हो..हर जगह.. सिर्फ तुम ही तुम हो..मेरे हर पल का नशा! #होली_के_रंग #मेरे _रूह _का _रंग _हो _तुम #ललिता_साई आज एक बात पूछनी थी आपसे.. प्यार तो है मुझसे..फिर क्यूँ दूर हो मुझसे.?