नवोदय इश्क़... वो सूरज की पहली किरणें उनका पी.टी. में टकराना वो तारों का ढलता अम्बर फूलों की महक को बिखराना बेचेनी दिल में बढती रहती दिल चाहता उनकी झलकें पाना अंदर जाते ही कक्षा में ढूंढ ती थी नजरें उसको थोड़ा दुखी होने पर मन इक दम से उनका आ जाना वो खुशी का सुनहरा पल होठों का झट से खिल जाना फिर मोर्निंग प्रेयर में उनसे नजरें मिल जाना फिर नजरों से तकते हुए ख्वाबों के महल बनाना वो जानते थे इक तरफा इश्क़ है फिर भी दुनिया का बस जाना वो मासूम से बच्चों का नवोदय प्रेम से रंग जाना शिक्षक का कक्षा में पढाना और उनका मन में स्वपन सजाना फिर कमीने यारों का इक दूजे के नाम से चिढाना फिर कक्षा खत्म होते ही उनका आंखों से ओझल हो जाना वो बिछडन ही दर्द भरा था पर नयी झलक को सह जाना फिर हमेशा के लिए बिछड़ कर उन यादों से समय बिताना चाह रहा है ये नादान दिल उनके पास फिर से जाना नवोदय इश्क़ की ये है दास्ताँ पर लब्जों में न आये बताना..... _ navodayan ©jagdish rathore नवोदय इश्क़.... jaydev #raindrops