कभी-कभी डर जाती हूं मैं अब खुद की परछाई से भी क्योंकि धोखा तो मैंने अपने अपनों से ही पाया है साथ चलते थे परछाई की तरह जो दोस्त खंजर से तो मुझे उन्होंने ही मारा है # fake friendship