वही खत इक बहाना हो गया है जिसे खोले जमाना हो गया है लिखा तो कुछ नही उसमें नया पर मगर मसला पुराना हो गया है - Arif Khan वही खत इक बहाना हो गया है जिसे खोले जमाना हो गया है लिखा तो कुछ नही उसमें नया पर मगर मसला पुराना हो गया है - M arif khan