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बचपन की सोचों और संस्कारों का पतन नयी रहन-सहन जीव

बचपन की सोचों और संस्कारों का पतन 
नयी रहन-सहन जीवन-शैली की देन है ।
जिसे हम प्रतिस्पर्धाओं के कारण मृगतृष्णा में
अपने बच्चों को जन्म से ही धकेलने लगे हैं ।
-प्रमोद मिश्रा #शिक्षाप्रद
बचपन की सोचों और संस्कारों का पतन 
नयी रहन-सहन जीवन-शैली की देन है ।
जिसे हम प्रतिस्पर्धाओं के कारण मृगतृष्णा में
अपने बच्चों को जन्म से ही धकेलने लगे हैं ।
-प्रमोद मिश्रा #शिक्षाप्रद