सोच को अपनी ले जाओ शिखर तक, की उसके आगे सितारे भी झुक जाए, न बनाओ अपने सफ़र को किसी कश्ती का मोहताज, चलो इस शान से की तूफ़ान भी झुक जाए !! kastiya