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फ़सील से निकलना चाहती हूं फ़सील में ही रहना चाहती

फ़सील से निकलना चाहती हूं
फ़सील में ही रहना चाहती हूं।
 न जाने उम्र का कैसा दौर आया है
जितना सुलझना चाहती हूं,
उतनी ही उलझती जाती हूं।

  (फ़सील – wall, चारदीवारी)

©Smita Sapre #चारदीवारी 

#Lumi
फ़सील से निकलना चाहती हूं
फ़सील में ही रहना चाहती हूं।
 न जाने उम्र का कैसा दौर आया है
जितना सुलझना चाहती हूं,
उतनी ही उलझती जाती हूं।

  (फ़सील – wall, चारदीवारी)

©Smita Sapre #चारदीवारी 

#Lumi