परंपरागत रूप से मनुष्य को प्राप्त होने वाले ज्ञान और संस्कारों को शिक्षा कहते हैं। हमारे भारत के ऋषि मुनियों ने 'सा विद्या या विमुक्तये' का ज्ञान देकर शिक्षा की महत्ता पर बल दिया था। ... वास्तविक शिक्षा वही होती है जो मुक्ति का मार्ग प्रदान करे। लेकिन क्या आज की शिक्षा इस कसौटी पर खरी उतरती है? यदि नहीं .....तो क्या इसके ज़िम्मेदार हम स्वयं नहीं हैं... क्योंकि शिक्षित भी हम... शिक्षक भी हम ©Santosh Pathak #शिक्षानीति #sunrays