कमबख्त, वोह जीत गए..... उजाले की बात तो रोज़ करते थे लेकिन सूरज से कभी नज़रे ना मिलाई गई सर्द में हवा का रुख भी चला कुछ इस कदर अपनी कश्ती हम उस राह बढ़ाता गए। तूफ़ान ने तो इत्ताला किया था मुझे लेकिन फिर भी उन तेज़ हवाओं से था हार गया, समुंदर से टकराने कि चाहत तो थी मगर बारिश के कुछ बूंदों में थे हम बेह गए। मोहब्बत तो बेशुमार थी मुझे रातों से लेकिन शब तो बस तेरे जुल्फो में बीत गए, किस्मत ने जो मुझसे लगाई शर्त हमारे बिछड़ने की, सोचा ना था हमने ऐसा कुछ लेकिन, कमबख्त, वोह किस्मत जीत गए.... #कमबख्त #वोह_जीत_गए, #हिंदी_कविता #हिंदी #जीत_और_हार