त्रुटि रहित न मैं हूँ, न तुम हो, दोनों मनुष्य हैं, भगवान न मैं हूँ, न तुम हो। *परस्पर हम दोष देते हैं, एक* दूसरे को, पर अपने अंदर झाँकता न मैं हूँ,न तुम हो। भ्रम ने पैदां कर दी इंसानों में दूरियाँ, पर सच में बुरा न मैं हूँ, न तुम हो। ©Anand Kumar #इंसान #त्रुटि #SunSet