हर शाम वो याद आती है! तनहाइयाँ जब मुझे घेर जाती है! खामोशियाँ जब मुझे तोड़ जाती हैं! विरानियां दिल को झकझोर जाती है! उस शाम वो मुझे याद आती है! सुर्ख अकेलापन में जब मैं खामोश होता हुं! उसकी बातों को भुलकर जब मैं रहना चाहता हुं! खामोशी से दिल में जब सुकुन तलाशता हुं! उस शाम वो मुझे याद आती है! जिस दिन मैं खुश रहता हुं! जिस दिन तन्हाइयों से दुर रहता हूँ! जिस दिन खामोशियों से खुद को दुर करता हूँ! उस शाम वो मुझे याद आती है! हर शाम वो याद आती है! 2 ©Prakash Vats Dubey #Morning Praveen Jain "पल्लव" kittu❤ k Smile Anand Pandey Amresh Krishna