मन तुम मेरी उधारी हो, इसीलिए किश्तों में चुका रहा हूँ तुम्हें, तुम मुझे हर किरदार में अच्छी लगती हो इसीलिए मेरा, हर फैसला तुम्हें पसंद करता है, गुस्ताख़ी माफ हो 'मन' की लेकिन सच्चाई से ज्यादा दिन दूर नहीं भाग सकता, नहीं जाने की कोशिश में तुम्हारा 'मैं' -YASHVARDHAN #बावरा_मन 💞