भींजे रइथे मोर गीत के मन हर लहू पसीना म हे किरिया एला नइ तउले मै हर कभू नगीना म भरे हे जे अंतस म अंगरा मै हर अोकर छाती अौं मै दीया के बाती अौ मै अंधरा के लाठी अौं...अनुभव तिवारी