रात के बारह बजे मेरा दरवाजा खुला दूर उड़ा मन बादल चांद से जाकर मिला इस जहां को उस जहां से देखकर अब सोचता है ये उस जहां में यार मेरे कौन कबतक सच्चा रहा सदानन्द कुमार समस्तीपुर बिहार ©Sadanand Kumar #Nojotoimageprompt #SAD #sadShayari #depression #Break कवि आलोक मिश्र "दीपक"