नवरात्रि की तीसरी रात धरते हैं चन्द्र सम, मां चंद्रघंटा का प्रेम पूर्वक ध्यान। घंटे के शब्दों से हरती हैं दुष्टों के प्राण,मस्तक पर है अर्धचंद्र विराजमान। सिंघवाहिनी, स्वर्ण से चमकीली काया, मधुर वाणी बोल सबको देती ज्ञान। ⚜️ Open for Collab ⚜️ Brought to you by Proverbs World 💙 🔹 Part of Proverbs World Happy Navratri Contest #PWhappyNavR3 (Round 3) 🔹 Must use "third night" word in your piece.