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हर एक दिन नया जख्म मुझसे मिलता है हंसता है रोता है

हर एक दिन नया जख्म मुझसे मिलता है
हंसता है रोता है और मुस्कुरा कर चला जाता है

जाने कैसी जिदंगी की जिद है अपनी आरिफ
हर बार मुझे ही रुलाकर हंसा कर चला जाता है

©Mohammad Arif (WordsOfArif)
  हर एक दिन नया जख्म मुझसे मिलता है
हंसता है रोता है और मुस्कुरा कर चला जाता है

जाने कैसी जिदंगी की जिद है अपनी आरिफ
हर बार मुझे ही रुलाकर हंसा कर चला जाता है
#Shayar #writer #Quote #follow #Love #Arif931

हर एक दिन नया जख्म मुझसे मिलता है हंसता है रोता है और मुस्कुरा कर चला जाता है जाने कैसी जिदंगी की जिद है अपनी आरिफ हर बार मुझे ही रुलाकर हंसा कर चला जाता है #Shayar #writer #Quote #follow Love #Arif931 #Life

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