वो कुछ खाली कुछ भरी सीटें, वो बंद पड़े हुए पंखे; ये सब मुझसे कुछ कह रहे थे शायद, शायद ये मुझसे कहना चाहते थे मेरी ही ज़िन्दगी की कहानी। वही कहानी जो ना मैंने किसी को सुनाई थी, ना खुद कभी जिसके बारे में सोचना चाहता था। हाँ याद है मुझे इस कहानी में उसका भी जिक्र आता है, जिसके नाम सुनने मात्र से ये दिल तेज़ी से धड़कने लग जाता है। हाँ वही जिसको पहली बार देखते ही मैं उसके चेहरे के नूर में खो गया था। मुझे आज भी याद है वो उसका चेहरे से अपनी ज़ुल्फ़ों को झटके से हटाना और उन ज़ुल्फ़ों का फिर से चेहरे पर आकर उसको छेड़ जाना, और इस सब मे उसका वो झुँझलाहट से भर जाना। वो प्यार से देखना मुझे और कभी गुस्से में घूर कर मुझे डराना, वो उसका मुझसे बात करने का बहाना। ये कोचिंग के स्टूडेंट्स से भरे हुए कमरे ये सब मुझसे कुछ कह रहे थे शायद..... -मिश्रा- #love #coachinglife #memories #shayar #writer