तुम जा रहे हो इस महफ़िल को छोड़ कर फ़िर कब आओगे यहां अपनी पता बताते जाना हो सके तो कुछ अपनी यादें दे जाना काश तू पहले मिला होता तो आज तेरे जाने का गम मेरे आंखों को न मिला होता चले जाओ हमसे जुदा हो कर लेकिन एक वादा करते जाना कभी वापस आना जरूर यहां अब तेरी शरारतें याद रहेगी तुम तो उन हवाओं के जैसे हो जिसे समझ पाना आसान नहीं सिर्फ़ मेहसूस किया जा सकते हो मैं जानती हूं तुझे या तेरे एहसास को मैं समझती हूं तुझे या तेरे ज्जबात को मुझे मालूम नहीं तेरे जाने का गम मेरे आंखों को क्यूं मिल रहा है,,,, - M k Dedicating a #testimonial to Nandu⭐ plzzz read my captions,,,,,,,🙏🙏🙏🙏🙏 Ye sirf imagine poem h Ek achhe writer ke liye,,,,, 😇😇😇😇😇😇😇😇😇 मुझे समझ में नहीं आ रहा मैं आख़िर शुरुआत कहां से करूं तेरी तारीफ़ लिखूं,,,,,🤔🤔🤔