उसके अठ्ठारहवें बसंत की, अंतिम पूनम की साँझ को, अमावस की, पहली चिठ्ठी आती है, उसके नाम, जो लाती है, कभी, उत्तरित नही हुए, कुछ, अनुत्तरित प्रश्न, व..कुछ प्रश्न वाचक चिन्ह, जो चिपके रहे सदा, माथे की बिंदिया बनकर, उसके आखिरी सावन की, साँवली साँझ तक, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #साँवली_साँझ उसके अठ्ठारहवें बसंत की, अंतिम पूनम की साँझ को, अमावस की, पहली चिठ्ठी आती है,