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#जागते रहो....... #जानते हो# साहब पहली बार | Hin

#जागते रहो.......
#जानते हो# nojoto साहब पहली बार व्यंग्य लिख रही हूँ.......
पारिवारिक दबाव किस पर नहीं होता
तमाशा हर घर का लगभग एक ही है
7 बजे उठने का समय होता है.......
कौआ, कोयल क्यूँ जागे तुमसे पहले
पेड़ की परवरिश क्या इतनी अच्छी थी?

©Mallika #Thinking
#जागते रहो.......
#जानते हो# nojoto साहब पहली बार व्यंग्य लिख रही हूँ.......
पारिवारिक दबाव किस पर नहीं होता
तमाशा हर घर का लगभग एक ही है
7 बजे उठने का समय होता है.......
कौआ, कोयल क्यूँ जागे तुमसे पहले
पेड़ की परवरिश क्या इतनी अच्छी थी?

©Mallika #Thinking