किस्मत मुझसे नाराज़ है,ऐसा नहीं है बस आज है पुरानी है ये दिल्लगी,नया नाकामी का बस अंदाज़ है एक कोशिशों के सिवा,कुछ और नहीं मेरे पास है कम मिला,ज्यादा फिसल गया,क्या यही मुकम्मल हिसाब है कोई दाग़ दामन पे लगा,कोई निशां दिल पे रह गया तूने नज़रे हमसे फेर लीं,अब मँज़िलों को भी मुझसे ऐतराज़ है किस जुर्म में मुझसे छीन लिया,मेरी मुट्ठी का वो आसमाँ क्या तू भी बहुत मजबूर था या तू भी जल्दबाज़ है अभी मेरी तरफ नज़र ना कर,गहरी तेरी निगाह है इल्जा़म मेरे सिर लगा,बेगुनाह तेरी शराब है तेरी परछाई बन सकूँ अगर,उठती दिल से यही आवाज़ है तूने ही मर्ज़ मुझे दिया,अब तू ही मेरा इलाज है... © abhishek trehan #किस्मत_मुझसे_नाराज़_है #कोशिशें #मर्ज #इलाज #manawoawaratha #yqdidi #yqaestheticthoughts #yqrestzone