लेखक हूँ वास्तविकता क्या है? ये हमारे लिए मायने नहीं रखती कल्पनाओं और सपनों में वो मेरी भार्या है मैं अपनी प्रियतमा के साथ खुश हूँ वैसे ही हम लोगों की समाज कल्पनाओं की अपनी ही दुनिया में रहती है इस दुनिया का वास्तविक दुनिया से कोई रिश्ता नहीं होता वास्तविकता की दुनिया के लोग कभी उस दुनिया के लोगों को नहीं समझ सकते ना कभी उस दुनिया की खुशी को महसूस कर सकते हैं हम लोग ये सब कुछ कर सकते हैं इसीलिए आमजन, सभी लेखकों को "दिवालिया" संज्ञा देकर सम्बोधित करते रहे हैं और यथासम्भव भविष्य में भीं ये संज्ञा हम सभी के लिए जीवंत रहेगी जब तक ये दुनिया है........ ©प्रखर नेमा #BookLife # story # writer