मुनासिब होता गर हिसाब बराबर कर दिया जाता हमारे दरमियानी तब चंद अश्क़ों की क़तारें मेरे हिस्से ज़ियादा ना आई होती और, मोहब्बत तक तो सब कुछ ठीक ठीक चलता रहा मुझमें और उसमें बात जब वफ़ा की आई तो मेरे हिस्से लापरवाही थोड़ी ज़ियादा ना आई होती। अब्दुल्लाह क़ुरैशी✍️ #dilbechara #Nojoto #nojotoshayari #nojotonews #nojotourdu #mohabbat #Shayari #Popular Yûgàl Sakhare