अरशो बाद कलम उठाई थी कि अब रुकने का नाम ही नहीं ले रही ये ज़ज्बात है या अल्फाज़ जो थम ही नहीं रहे... ये जिंदगी नहीं जानते तेरे रुख़ को हम तो बस तेरे पैग़ाम पड़ रहे।। ©Hymn #ink #kalam #emissions #Time