उम्मीद है कि सब-कुछ ठीक हो जायेगा। ज़हरीली हवाओं का शोर टिक नहीं पायेगा। धूँ-धूँ कर जल रहे हैं अभी ख़्वाब आँखों में। पलकों की जलन बुझाने आँसू भी आयेगा। निज़ात मिले इस मिज़ाज-ए-ग़म के दौर से। खुशियाँ हाथों में अपने फ़िर वक़्त लाएगा। सत्य और अहिंसा का व्रत धारण सब करें! कि पावन दृष्टिकोण लेके महावीर आयेगा। (महावीर जयंती की शुभकामनाएं) अभी तो सबके दर्द में शरीक होते रहिये ! तभी लौटके मुल्क़ का 'पंछी' चैन आयेगा। ♥️ Challenge-549 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।