फुरसत की सरहदों पर सावन निकला था आज तेरी यादों की तस्करी करने कीमत ज्यादा लगा रहा था तुम्हारा शॉल चाहिए था उसे कुछ देर अड़ा रहा मैं ना माना तो वापस जाने की जिद थी उसकी मैंने रोका उसे चाय समोसों का लालच देकर फिर ठहर गया कुछ देर आँखों में कुछ बरस भी गया अचानक जाने लगा घूरकर पर जा ना सका.. चाय के बहाने से उसके ट्रक का टायर पंचर कर दिया था मैंने यूँ भीगकर तुम्हारी तरह शरारतें करना मुझे अच्छा लगता है.. -KaushalAlmora #शरारतें #याद #humतुम #तस्करी #yqdidi #love #poetry #life PC :HD wallpaper app