कर्मफल की चिंता छोड़, कठीन कर्म की राह पर तुम चलते रहना रे पथिक अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदैव गीता का ध्यान धरना, चहुंओर जब विपत्तियों का हाहाकार मचे,अंतस्थ में उद्विग्न न होना जब उत्पात मचाए पथ के रोड़े,तोड़कर तुम नई राह का निर्माण करना, आलस्य का अगर चक्रव्यूह हो जाए विकट,कर्मशक्ति मनस में जगाना प्रमाद के बंधनों को खोलकर, तुम नित्य ही सूर्य समान क्रियाशील रहना, कर्म बीज का मेहनत,लग्न,साहस और कर्तव्यनिष्ठा से तुम रोपण करना कुसुमित होंगे पुष्प सफलता एवं समृद्घि के,जीवन मंत्र बस यही याद रखना। ❤ प्रतियोगिता- 638 ❤आज की कविता प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"कर्मफल"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल हिंदी भाषा के शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I 🌟wallpaper को contrast करते हुए ध्यान रहे कि ये visible हो।