कहीं दूर चलें अब संदेह ऊब निराशा अवसाद भय अजनबीपन सब बंधनों को त्याग आगे बढ़ें हम जहाँ हों सिर्फ ... "मैं और तुम" और हमारा "अपनापन"चारों तरफ फैला हुआ रंगों से भरा हो जिंदगी का "कैनवस" जहाँ आओ कहीं दूर चलें हम!! जहाँ मैं तुम को चाह सकूँ तुम मुझको चाह सको मैं तुम्हारी हो सकूँ तुम मेरे हो सको जहाँ बँध सके हमारा पवित्र बंधन जहाँ न हो जमाने की मर्यादाओं की दीवार जहाँ हों सिर्फ प्यार का मौसम मिलती हो जहाँ हसरतों को उड़ान जहाँ हो दिलों की ज़मीन दिलों का आसमान बहती हो जहाँ भावनाओं की हवा आओ यहाँ से उठ चलें हम...कहीं दूर चलें हम!! जहाँ "खोकर" खुद को एक दूजे में "पा" लें हम मन के गीत को खुलकर गा लें हम जीवन को "जी भरकर" जी लें हम स्नेह वायु को भर लें अंतर में एक दूजे को समर्पण कर दें हम आओ कहीं दूर चलें हम यहाँ से उठ चलें हम.... किसी जगह पर बहुत देर तक पड़े रहना भी अच्छा नहीं होता। #यहाँसेचलें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi