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जितना संघर्ष स्वतंत्रता के लिए हुआ वो कीमत हम चु

जितना संघर्ष स्वतंत्रता के लिए हुआ  वो कीमत हम  चुका सकते नहीं 
जन जन  की थी  सहभागिता रही परतंत्रता  की बेढ़यां गलाने में

एक ही हुंकार पर  जन जन में क्रांति  का रंग डोला था
हर गली गाँव -शहर का बच्चा बच्चा हर बोला था

मेरठ से मंगलपांडे ने  10 मई 1857  में दुश्मनों के खिलाफ विद्रोह का मोर्चा खोला था
फिर लगी आग  देश के कोने-  कोने में,उठने लगी आवाजें  गाँव -शहर गलियारों में

विद्रोह के नायक रहे दिल्ली ,अवध, लखनऊ ,कानपुर और झांसी
मौत की परवाह किए वो वतन परस्ती का पाठ हमें पढ़ा गये आजादी के वो दीवाने

कितने ही शहीद हुये कितनों ने अत्याचार सहे लिख नहीं पाया नाम उनका इतिहास की किताबों में
अमर रहेंगे  मेरे देश के वो गुमनाम रक्षक जिन्होंने जीवन अपना बलिदान किया

वर्तमान में आसान नहीं है खुद को भूल वतनपरस्ती में रंगना
वो भी तब जब आपको जरा सी असहमति के साथ तर्क रखने पर असहिष्णुता 
और देशद्रोही जैसी शब्दावली का सामना करना पड़ सकता है 

स्वतंत्रता का मूल डगमगाने लगा है अपने ही खेवनहारों से 
राजनेताओं की घटिया विचारधारा से मन कसकने लगा है

देश के नौजवानों को आगे बढकर भारत   की कमान सभाँलनी होगी
एकता की मिसाल बन आन्तरिक  और  बाहरी दुश्मनी ताकतों से निपटना होगा

देश मेरा सदा ही विश्व पटल पर सरताज रहे
ऐसी अलख देशभक्ति की जन जन के लहू के हर कतरे में बहे

 जय हिंद वंदेमातरम🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🇮🇳💐💐💐
©®करिश्मा राठौर #मेरादेश #मेरी_आन_वान_शान
#nojotoindianarmy 
#nojotohindipoetry 
#nojotaenglish
जितना संघर्ष स्वतंत्रता के लिए हुआ  वो कीमत हम  चुका सकते नहीं 
जन जन  की थी  सहभागिता रही परतंत्रता  की बेढ़यां गलाने में

एक ही हुंकार पर  जन जन में क्रांति  का रंग डोला था
हर गली गाँव -शहर का बच्चा बच्चा हर बोला था

मेरठ से मंगलपांडे ने  10 मई 1857  में दुश्मनों के खिलाफ विद्रोह का मोर्चा खोला था
फिर लगी आग  देश के कोने-  कोने में,उठने लगी आवाजें  गाँव -शहर गलियारों में

विद्रोह के नायक रहे दिल्ली ,अवध, लखनऊ ,कानपुर और झांसी
मौत की परवाह किए वो वतन परस्ती का पाठ हमें पढ़ा गये आजादी के वो दीवाने

कितने ही शहीद हुये कितनों ने अत्याचार सहे लिख नहीं पाया नाम उनका इतिहास की किताबों में
अमर रहेंगे  मेरे देश के वो गुमनाम रक्षक जिन्होंने जीवन अपना बलिदान किया

वर्तमान में आसान नहीं है खुद को भूल वतनपरस्ती में रंगना
वो भी तब जब आपको जरा सी असहमति के साथ तर्क रखने पर असहिष्णुता 
और देशद्रोही जैसी शब्दावली का सामना करना पड़ सकता है 

स्वतंत्रता का मूल डगमगाने लगा है अपने ही खेवनहारों से 
राजनेताओं की घटिया विचारधारा से मन कसकने लगा है

देश के नौजवानों को आगे बढकर भारत   की कमान सभाँलनी होगी
एकता की मिसाल बन आन्तरिक  और  बाहरी दुश्मनी ताकतों से निपटना होगा

देश मेरा सदा ही विश्व पटल पर सरताज रहे
ऐसी अलख देशभक्ति की जन जन के लहू के हर कतरे में बहे

 जय हिंद वंदेमातरम🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🇮🇳💐💐💐
©®करिश्मा राठौर #मेरादेश #मेरी_आन_वान_शान
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