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जिन्दगी में दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठा आज सब म

जिन्दगी में दो मिनट 
कोई मेरे पास ना बैठा 
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे हैं

कोई तोहफा ना मिला आज तक 
आज़ फूल ही फूल दिए जा रहे हैं

तरस गए थे हम किसी एक हाथ के लिए 
और आज कंधे से कंधे दिए जा रहे हैं

दो कदम साथ चलने को तैयार ना या कोई 
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे

आज पता चला कि मौत 
कितनी हसीन होती है
 कम्बखत हम तो यूं ही
 जिन्दगी जिए जा रहे थे

©बोलती दीवार #Rose
जिन्दगी में दो मिनट 
कोई मेरे पास ना बैठा 
आज सब मेरे पास बैठे जा रहे हैं

कोई तोहफा ना मिला आज तक 
आज़ फूल ही फूल दिए जा रहे हैं

तरस गए थे हम किसी एक हाथ के लिए 
और आज कंधे से कंधे दिए जा रहे हैं

दो कदम साथ चलने को तैयार ना या कोई 
और आज काफिला बन साथ चले जा रहे थे

आज पता चला कि मौत 
कितनी हसीन होती है
 कम्बखत हम तो यूं ही
 जिन्दगी जिए जा रहे थे

©बोलती दीवार #Rose