कोई महफिलो में मजे कर रहा है कोई तमाम रात जाग कर हदे कर रहा है कोई क्यों फिकृ करे किसी दीवाने की पागल है पागलों जैसी हरकतें कर रहा है । मेरी कलम से ©KRISHNA DWIVEDI kavi krishna dwivedi