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तन्हाई का राग हरी भरी गमों का बाग़ हैं अब कहाँ

तन्हाई का राग
हरी भरी 
गमों का बाग़ हैं 
अब कहाँ 
खुशी की आस हैं
नज़रें उठाता हूँ जिधर 
एक डूबता हुआ आस हैं 
लेकिन
अब तो उम्मीदों का
लाश-ही लाश हैं 

विशाल देवगन बरहज़िया@✍

©Vishal Devgan barhajiya #विशाल देवगन बरहज़िया@✍✍✍🙏🙏😥😥
#FindingOneself
तन्हाई का राग
हरी भरी 
गमों का बाग़ हैं 
अब कहाँ 
खुशी की आस हैं
नज़रें उठाता हूँ जिधर 
एक डूबता हुआ आस हैं 
लेकिन
अब तो उम्मीदों का
लाश-ही लाश हैं 

विशाल देवगन बरहज़िया@✍

©Vishal Devgan barhajiya #विशाल देवगन बरहज़िया@✍✍✍🙏🙏😥😥
#FindingOneself