“वतन की सौंधी मिट्टी” अनेकता में एकता ही इस देश की शान है इसलिए मेरा देश महान है मेरी मिट्टी मेरा शान, मान और सम्मान है जो बिना जन्म दिए मेरी मां है यहां की मिट्टी में भी खुशबू सुहानी है प्रेम सत्य से बनी मेरी वतन की कहानी है। नशा है देश प्रेम का नशा है तिरंगे का नशा है मातृभूमि का नशा है वतन की शान का यूनान, मिस्र, रोम, पुर्तगाल, फ्रांस और इंग्लैंड सब मिट गए यहां अब तक है बाकी नाम–ओ–निशान हमारा कुछ तो बात हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहे दुश्मन फिर भी दौर–ए–जहां आया हमारा। जिसे इसके महक लग जाती उसकी रूह यहीं बस जाती