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मै लिखता हूं तुम्हें लफ्ज़ तमाम लिखता हूं। जो केह

मै लिखता हूं तुम्हें लफ्ज़ तमाम लिखता हूं।
जो केह ना सका उन बातों को सुबह शाम लिखता हूं।
ये शब्द नहीं जज़्बात है अपने अरमान लिखता हूं।
ये कलम ही मेरी साथी है ये पन्ने ही मेरी सीमा है,
इश्क़ की स्याही से खुद को तुम्हारे नाम लिखता हूं।

©सम्राटsachin #सम्राटsachin
#support
#बसतुम्हेंलिखताहूं

#WatchingSunset
मै लिखता हूं तुम्हें लफ्ज़ तमाम लिखता हूं।
जो केह ना सका उन बातों को सुबह शाम लिखता हूं।
ये शब्द नहीं जज़्बात है अपने अरमान लिखता हूं।
ये कलम ही मेरी साथी है ये पन्ने ही मेरी सीमा है,
इश्क़ की स्याही से खुद को तुम्हारे नाम लिखता हूं।

©सम्राटsachin #सम्राटsachin
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