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आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा, मेरे ख़्यालो

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा,
मेरे ख़्यालों को मेरे ज़ज्बात से पिछड़ते देखा,
जो वक्त की गर्दिश से जम गए थे कदम,
मैंने उन कदमों को भी आज चलते देखा,
तसव्वुर ना किया था जिस मंजर का,
उस मंजर को आँखों के सामने से गुजरते देखा,
सोचा ना था कि वो दिन भी आएगा, 
कईयों की नजर में गिर के खुद को उठते देखा, 
Mr Shattered 😐 #देखा है
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा,
मेरे ख़्यालों को मेरे ज़ज्बात से पिछड़ते देखा,
जो वक्त की गर्दिश से जम गए थे कदम,
मैंने उन कदमों को भी आज चलते देखा,
तसव्वुर ना किया था जिस मंजर का,
उस मंजर को आँखों के सामने से गुजरते देखा,
सोचा ना था कि वो दिन भी आएगा, 
कईयों की नजर में गिर के खुद को उठते देखा, 
Mr Shattered 😐 #देखा है