धर्म की आड़ में निर्दोष हिंदू मुसलमान जल रहा है, नफरत की आग में हर एक इंसान जल रहा है, हम थे भाई भाई गंगा जमुना की तहजीब वाली पहचान जल रहा है कहां उलझ गए रे मेरे दोस्त आकर देख पूरा हिंदुस्तान जल रहा है धीरज कुमार धीरू दिल में दिल्ली है,,,,,