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मैं नाज़ुक नहीं गलत फैली हैं कि मैं नाज़ुक नहीं


मैं नाज़ुक नहीं

गलत फैली हैं 
कि मैं नाज़ुक नहीं!
तुम्हारे नफरातों को झेला हैं मैंने!
मेरे अरमानों को तोड़ा है तुमने!
कुचल का रख दिया हैं मुझे तुमने!

©Saloni Khanna
  #नाजुक
#sal_k