“ हो कर मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये ज़िंदगी भोर है सूरज से निकलते रहिये, पांव पे एक ग़र ठहरोगे तो थक जाओगे चाहे आहिस्ता सही राह पे चलते रहिये ” @Gazali!! —@Fakeer Muaviya Zafar Gazali "Razvi Noori Qadri Amrohivi”