ख़ुद की तलाश में निकल गए हम समंदर से उसका अंत पूछा शर्मा कर लहरों ने धीरे से कहा किसे तलाश रहे हो जिसे बस मुस्कुरा कर गम छुपाना आता है वरना बिना लहरों के समंदर में कहां कभी दम था । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #तलाश