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कई रातों को जगाया है बिस्तर की दुखती सिलवटों ने सो

कई रातों को जगाया है
बिस्तर की दुखती सिलवटों ने
सोख लिया कंठ भर दर्द को
मेरी बेचैन करवटों ने
रात के सन्नाटे में
सरसराती रही हवा
अवचेतन को जगाये रखा
हर हल्की आहटों ने
नींद बेचैन थी
आँखों की गली में छटपटाती रही
कमरे की ख़ामोशी भी
सो नहीं पायी पल भर
दीवारों को जगाये रखा
तन्हाई की कराहटों ने.

©malay_28 #बेचैनी

#LateNight
कई रातों को जगाया है
बिस्तर की दुखती सिलवटों ने
सोख लिया कंठ भर दर्द को
मेरी बेचैन करवटों ने
रात के सन्नाटे में
सरसराती रही हवा
अवचेतन को जगाये रखा
हर हल्की आहटों ने
नींद बेचैन थी
आँखों की गली में छटपटाती रही
कमरे की ख़ामोशी भी
सो नहीं पायी पल भर
दीवारों को जगाये रखा
तन्हाई की कराहटों ने.

©malay_28 #बेचैनी

#LateNight
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