Nojoto: Largest Storytelling Platform

मजबूर इंसान.. जिंदगी तुनें दिया है दर्द ज्यादा, दे

मजबूर इंसान..
जिंदगी तुनें दिया है दर्द ज्यादा,
देख फिर भी मैं हूँ जिन्दा यहां.!
टूटना सीखा नही किसी हाल में,
क्यों कि मै हूं टूट कर के ही बना.!
आशियां कोई नही अपना यहां,
यह ज़मीं और आसमां अपना ज़हां.!
हम जमीं को जोतकर उपजाते अन्न,
पर हमीं भूखे और नंगा यहां.!
ईंट पत्थर से बनाते घर यहां.!
पर हमें मिलता नही है छट यहां.!
हम नही कभी टूटते किसी हाल में,
हम ज़मीं से जुड़े इंसा है यहां.!
#अजय57
मजबूर इंसान..
जिंदगी तुनें दिया है दर्द ज्यादा,
देख फिर भी मैं हूँ जिन्दा यहां.!
टूटना सीखा नही किसी हाल में,
क्यों कि मै हूं टूट कर के ही बना.!
आशियां कोई नही अपना यहां,
यह ज़मीं और आसमां अपना ज़हां.!
हम जमीं को जोतकर उपजाते अन्न,
पर हमीं भूखे और नंगा यहां.!
ईंट पत्थर से बनाते घर यहां.!
पर हमें मिलता नही है छट यहां.!
हम नही कभी टूटते किसी हाल में,
हम ज़मीं से जुड़े इंसा है यहां.!
#अजय57