शाम हर रोज आती है कि शाम हर रोज आती है लेकिन जो बिताई तेरे साथ बस वही शाम शाम होती है। वो भी क्या शाम थी कप में चाय तुम्हारे हाथ की थी मगरूर उस पल में ज़िन्दगी बेहद खास थी वो भी क्या शाम थी हल्की सी बारिश में दोनों ने बाइक राइड की थी कपकपाते हुए होठों से फिर भी दिल की बात कही थी वो भी क्या शाम थी जो साथ तेरे गुजारी थी इक ही प्लेट में खाना खा कर आइसक्रीम खाने की जिद की थी वो भी क्या शाम थी जब घण्टों हमारी बातें हुआ करती थी इंतजार में रातें बीत जाया करती थी आज ये भी क्या शाम है हम याद नहीं तुम्हें ओर ज़िन्दगी अजनबी बन चल रही है।।। ©Priya Singh #Wosham #nojohindi #nojohindi #nojohindi