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कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा, कभी खुशियों की

कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा,
कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया,
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा., शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा……

©Sushmita Gupta
  jindgi ki Paribas
####life style ###

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