मैं रावण हूँ, दस सिरों वाला मैं रावण हूँ दस सिरों वाला वो रावण था, दस सिरों वाला, भला कहां छिपता कुकर्मो को कर के, नदी, तलाब, आकाश, पताल, चांद,किवाड़, दस सिर लिए भला कहां छिपता उस पे तीर चलना भी आसान था,