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सुनो मेरी ज़रा सी तुम मैं यह ऐलान करता हुं गगन में

सुनो मेरी ज़रा सी तुम
मैं यह ऐलान करता हुं
गगन में गूंजता जो नाद
में वह नाद करता हूं।
हे मेरे नाथ मिट जाए
जेहन में जो है अंधियारा
जला कर द्वेष का रावण
मैं मंगल गान करता हुं।
'राधेय'

©Vinayak Mishra
  #विजयदशमी