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'सड़क और मुसाफ़िर' जीवन के उस पराए शहर में न जाने

'सड़क और मुसाफ़िर'

जीवन के उस पराए शहर में न जाने कितने बिखरे गलियों में दर-ब-दर भटका हूँ। जब गली की सड़कें अनंत यात्रा का महामार्ग होने को एक चौराहा में) आतुरता से मिलती हैं ।।

असीम अभीप्सा लिए मैं भी उन गलियों से गुजरते हुए सड़क के सीने पर दौड़ लगाते-लगाते जब कई चौराहे से टकराता हूँ। हर चौराहे पर कई सड़क बाहें फैलाए एक नए सफ़र के साथ खड़ी होती हैं, तब ये समझना बड़ा जटिल हो जाता है कि किस रास्ते का आलिंगन करूँ।

इस कठिन निर्णय के मैदान में चेतना और अंतरात्मा की आवाज़ के बीच एक घमासान गृहयुद्ध छिड़ जाता है। तब ये मालूम पड़ता है कि ये आंतरिक युद्ध उतना ही स्वाभाविक है जितना संसार का सूर्य और चंद्रमा के समक्ष नियमित रूप से गतिशील होना । कभी-कभी संशय के बादल कुछ पलों के लिए इनकी रोशनी को अवरुद्ध कर देते हैं परंतु सदैव के लिए नहीं! ये सिविल वॉर हमें सही निष्कर्ष तक जाने में मदद तो करते ही हैं साथ ही चंद्रगुप्त और नेपोलियन जैसा एक उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता व योद्धा बनने में भी बड़े सहायक होते हैं ।।

अंततः चेतना और अंतरात्मा की इस सम्मलित पुकार को सुनने के पश्चात मध्य-मार्ग अपनाते हुए जब दोनों में सामंजस्य स्थापित कर निष्कर्ष के । किनारे आता हूँ, और एक रास्ता पकड़ अपने निर्धारित मंज़िल की ओर निकल जाता हूँ, तो इन सब उतार-चढ़ाव में एक बात स्पष्ट हो जाती है कि जीवन की इस अनिश्चित यात्रा में सड़क भी मुसाफिर का इंतज़ार करती हैं. सड़क भी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाना चाहती हैं।

आयुष शुक्ला "भईया जी"

©Ayush Shukla
  Safar 'सड़क और मुसाफ़िर'

जीवन के उस पराए शहर में न जाने कितने बिखरे गलियों में दर-ब-दर भटका हूँ। जब गली की सड़कें अनंत यात्रा का महामार्ग होने को एक चौराहा में) आतुरता से मिलती हैं ।।

असीम अभीप्सा लिए मैं भी उन गलियों से गुजरते हुए सड़क के सीने पर दौड़ लगाते-लगाते जब कई चौराहे से टकराता हूँ। हर चौराहे पर कई सड़क बाहें फैलाए एक नए सफ़र के साथ खड़ी होती हैं, तब ये समझना बड़ा जटिल हो जाता है कि किस रास्ते का आलिंगन करूँ।

इस कठिन निर्णय के मैदान में चेतना और अंतरात्मा की आवाज़ के बीच एक घमासान गृहयुद्ध छिड़ जाता है। तब ये मालूम पड़ता है कि ये आंतरिक युद्ध उतना ही स्वाभाविक है जितना संसार का सूर्य और चंद्रमा के समक्ष नियमित रूप से गतिशील होना । कभी-कभी संशय के बादल कुछ पलों के लिए इनकी रोशनी को अवरुद्ध कर देते हैं परंतु सदैव के लिए नहीं! ये सिविल वॉर हमें सही निष्कर्ष तक जाने में मदद तो करते ही हैं साथ ही चंद्रगुप्त और नेपोलियन जैसा एक उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता व योद्धा बनने में भी बड़े सहायक होते हैं ।।
ayushshukla1398

Ayush Shukla

New Creator

Safar 'सड़क और मुसाफ़िर' जीवन के उस पराए शहर में न जाने कितने बिखरे गलियों में दर-ब-दर भटका हूँ। जब गली की सड़कें अनंत यात्रा का महामार्ग होने को एक चौराहा में) आतुरता से मिलती हैं ।। असीम अभीप्सा लिए मैं भी उन गलियों से गुजरते हुए सड़क के सीने पर दौड़ लगाते-लगाते जब कई चौराहे से टकराता हूँ। हर चौराहे पर कई सड़क बाहें फैलाए एक नए सफ़र के साथ खड़ी होती हैं, तब ये समझना बड़ा जटिल हो जाता है कि किस रास्ते का आलिंगन करूँ। इस कठिन निर्णय के मैदान में चेतना और अंतरात्मा की आवाज़ के बीच एक घमासान गृहयुद्ध छिड़ जाता है। तब ये मालूम पड़ता है कि ये आंतरिक युद्ध उतना ही स्वाभाविक है जितना संसार का सूर्य और चंद्रमा के समक्ष नियमित रूप से गतिशील होना । कभी-कभी संशय के बादल कुछ पलों के लिए इनकी रोशनी को अवरुद्ध कर देते हैं परंतु सदैव के लिए नहीं! ये सिविल वॉर हमें सही निष्कर्ष तक जाने में मदद तो करते ही हैं साथ ही चंद्रगुप्त और नेपोलियन जैसा एक उत्कृष्ट नेतृत्वकर्ता व योद्धा बनने में भी बड़े सहायक होते हैं ।। #Shayari

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