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मैं शाम हूं मैंखाने का न जाने यह मय कैसा कहर बरप

 मैं शाम हूं मैंखाने का 
न जाने यह मय कैसा कहर बरपा आएगा 
छलक उठा जाम प्याली का  
जब ज़हन में तेरा ख्याल आया था   
छूट गया वह प्याला जाम का  
तो कहने लगे लोग तू इश्क में है 
न जाने यह इश्क कैसा कहर बरपा आएगा
  #मैंखाना 
#mehfill
 मैं शाम हूं मैंखाने का 
न जाने यह मय कैसा कहर बरपा आएगा 
छलक उठा जाम प्याली का  
जब ज़हन में तेरा ख्याल आया था   
छूट गया वह प्याला जाम का  
तो कहने लगे लोग तू इश्क में है 
न जाने यह इश्क कैसा कहर बरपा आएगा
  #मैंखाना 
#mehfill