जब सोचता हूँ जोड़ कर साथ तुम्हारे ज़िंदगी अपनी ज़मीं से कहीं ऊपर हवा हो जाता हूँ मैं ज़मीं जैसी कोई चीज तो कहीं महसूस ही नहीं होती यूँ लगता है जैसे कुछ भी असंभव नहीं सारी इच्छाएँ मूर्त रूप में सामने पड़ी होती हैं इस वर्तमान से कोसों दूर, सारा भविष्य चित्रित हो रहा होता है आँखों के सामने यूँ लगता है जैसे पा चुका हूँ तुम्हें हमेशा के लिए अब छीन नहीं सकता है तुम्हें मुझसे कोई अच्छा लगता है तुम्हें ख़ुद में यूँ आत्मसात कर लेना तुम्हारी सोच में यूँ हवा हो जाना अच्छा लगता है...... #तुम्हारे_साथ@LOVEGRAPHY